हरियाणा के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने से 10 बच्चों की तबीयत बिगड़ी, शिक्षकों ने बिना दवा दिए बाहर भेजे
25 जुलाई 2024 को हरियाणा के करनाल जिले के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बच्चों ने खिचड़ी खाने के कुछ समय बाद उल्टियां करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उन्हें पेट में दर्द और चक्कर आने की समस्या भी हुई। इस घटना ने न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया, बल्कि उनके परिवारों में भी चिंता का माहौल पैदा कर दिया।घटना के बाद, स्कूल के अन्य छात्रों ने बीमार बच्चों को गांव के बस स्टैंड पर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर ले जाने का प्रयास किया। वहां से सूचना मिलते ही परिजन तुरंत स्कूल पहुंचे। बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें पानीपत के नजदीकी सिविल अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एनएचएम के डॉक्टर आधे घंटे देरी से पहुंचे, लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को भर्ती कर लिया गया। प्रारंभिक जांच में फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई गई है।
बच्चों की हालत और परिवार की चिंता
बीमार बच्चों में भारती (11) भी शामिल है, जो गांव पूंडरी की निवासी है। उसकी दादी ने बताया कि भारती स्कूल में बनी खिचड़ी खाने के बाद बीमार हो गई। जब कुछ बच्चे घर आए और इस बारे में बताया, तो परिवार तुरंत स्कूल पहुंचा। वहां उन्होंने देखा कि कई बच्चे उल्टी कर रहे थे और उन्हें पेट दर्द के साथ-साथ सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी।परिवार के सदस्यों ने बताया कि भारती, नवीन और कृष को पानीपत के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजनों का दावा है कि 10 से अधिक बच्चों की हालत बिगड़ गई है, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, शिक्षा विभाग के बीईओ रविंद्र कुमार ने कहा कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने की घटना की जांच की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि पानीपत अस्पताल जाकर बच्चों की सेहत की जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि इस घटना में क्या कमी रही और किसकी लापरवाही थी।
मिड-डे मील योजना की सुरक्षा
हरियाणा में मिड-डे मील योजना के अंतर्गत बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। हाल ही में इस योजना में कुछ नए नियम भी लागू किए गए हैं। सरकार ने स्कूलों में भोजन बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि बच्चों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके।हालांकि, इस घटना ने मिड-डे मील योजना की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। कई अभिभावकों ने चिंता व्यक्त की है कि क्या बच्चों को खाने में दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की सही तरीके से जांच की जा रही है।